आइये जानते हैं सर्वाइकल कैंसर क्या है। सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाले कैंसर का एक रुप है जिसके कारण हर साल होने वाली मौतों का आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है।
ऐसे में ये जानना जरुरी है कि सर्वाइकल कैंसर क्या है और इससे बचाव के क्या तरीके है। तो चलिए, आज सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा कैंसर) से जुड़ी खास जानकारी लेते हैं।
सर्वाइकल कैंसर क्या है?
गर्भाशय में कोशिकाओं की अनियमित वृद्धि को सर्वाइकल कैंसर कहा जाता है। कैंसर का ये रुप गर्भाशय ग्रीवा से शुरू होता है और धीरे-धीरे शरीर के दूसरे हिस्सों में फैलने लगता है। इसके लक्षण तब तक स्पष्ट दिखाई नहीं देते हैं जब तक कैंसर का ये रुप बढ़ी हुयी अवस्था में ना आ जाये।
महिलाओं में किसी भी उम्र में सर्वाइकल कैंसर हो सकता है, खासकर 35 साल की उम्र पार कर लेने के बाद इसका ख़तरा ज्यादा बढ़ जाता है।
सर्वाइकल कैंसर होने के कारण
- असुरक्षित यौन सम्बन्ध
- गर्भनिरोधक गोलियों का ज्यादा सेवन
- एचआईवी संक्रमण
- अल्कोहल, सिगरेट का सेवन
- आनुवंशिक कारण
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
असामान्य रक्तस्राव होना-
- शारीरिक सम्बन्ध बनाने के बाद बहुत रक्तस्राव (ब्लीडिंग) होना
- शारीरिक सम्बन्ध बनाने के बाद तेज दर्द होना
- रजोनिवृत्ति के बाद शारीरिक सम्बन्ध बनाने पर रक्तस्राव होना
पेट के निचले हिस्से में दर्द होना – पीरियड्स के दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द रहना सामान्य बात है लेकिन अगर पीरियड्स के अलावा भी पेट के निचले हिस्से में हल्का या तेज दर्द रहता हो तो इसे अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए।
वाइट डिस्चार्ज की समस्या – योनि से होने वाले वाइट डिस्चार्ज को अक्सर महिलाएं सामान्य बात समझ लेती हैं जबकि ये सर्वाइकल का लक्षण हो सकता है इसलिए बिना इसकी अनदेखी किये, डॉक्टर से बात की जानी चाहिए।
इनके अलावा, पेशाब की थैली में दर्द होना भी सर्वाइकल कैंसर का लक्षण होता है जबकि थकान महसूस होना, वजन कम होना, भूख कम लगना और शरीर में खून की कमी होना जैसे लक्षण सर्वाइकल कैंसर के सामान्य लक्षण होते हैं।
सर्वाइकल कैंसर से बचाव
- कैंसर के इस रूप से बचाव के लिए ये जरुरी है कि महिलाएं 30 साल की उम्र के बाद सर्वाइकल कैंसर की जाँच जरूर करवाएं।
- सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए पैप टेस्ट करवाना चाहिए।
- एचपीवी वैक्सीन भी सर्वाइकल कैंसर से बचाव करता है क्योंकि इस वैक्सीन से एचपीवी (ह्यूमन पेपीलोमा) वायरस शरीर में फैलता नहीं है।
- सुरक्षित यौन सम्बन्ध सर्वाइकल कैंसर से बचाव का एक आसान उपाय है।
- शरीर की साफ-सफाई का ध्यान रखकर भी सर्वाइकल कैंसर से दूरी बनायी रखी जा सकती है।
- मोटापे से दूर रहकर भी सर्वाइकल कैंसर जैसी बीमारी से बचाव संभव है।
- असामान्य रक्तस्राव होने या तेज दर्द रहने जैसी समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना भी कैंसर को बढ़ने से रोक सकता है।
अब आप जान गए होंगे कि सर्वाइकल कैंसर क्या होता है और इसके लक्षण और बचाव के तरीके क्या हैं इसलिए आप भी अपने शरीर में होने वाले हर बदलाव के प्रति सतर्क रहिये और किसी भी तरह के आसामान्य लक्षण के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से मिलिए।
उम्मीद है जागरूक पर सर्वाइकल कैंसर क्या है कि ये जानकारी आपको पसंद आयी होगी और आपके लिए फायदेमंद भी साबित होगी।