आइये जानते हैं कोलोरेक्टल कैंसर क्या है। (बृहदान्त्र) कोलोन कैंसर और (मलाशय) रेक्टल कैंसर जब एकसाथ हो जाते हैं तो उसे कोलोरेक्टल कैंसर कहा जाता है। आइये, इसके बारे में जानते हैं।
कोलोरेक्टल कैंसर के प्रकार-
(बृहदान्त्र) कोलन कैंसर- बड़ी आंत का कैंसर
(मलाशय) रेक्टल कैंसर- बड़ी आंत के अंतिम सिरे का कैंसर
कोलोरेक्टल कैंसर के स्टेप्स-
स्टेप 1 – कैंसर कोलोन या रेक्टल के चारों ओर मौजूद झिल्ली में प्रवेश करता है।
स्टेप 2 – कैंसर कोलोन या रेक्टल की भित्तियों (walls) में फैल जाता है।
स्टेप 3 – कैंसर लसिका ग्रंथियों (लिम्फ नोड्स) में फैल जाता है।
स्टेप 4 – कैंसर शरीर के अन्य अंगों जैसे फेफड़ें या लिवर में फैल जाता है।
कोलोरेक्टल कैंसर के संभावित कारण – डॉक्टर्स अभी तक इस कैंसर के निश्चित कारणों को नहीं जान पाए हैं लेकिन उनके द्वारा अनुमानित कुछ कारण ये हैं।
- संतृप्त वसा से भरपूर आहार लेना
- वृद्धावस्था
- पशुओं से प्राप्त प्रोटीन की ज्यादा मात्रा का सेवन
- आहार में फाइबर की कम मात्रा होना
- बहुत ज्यादा कैलोरी युक्त आहार लेना
- धूम्रपान करना और शराब का ज्यादा सेवन करना
- महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर, अंडाशय कैंसर या गर्भाशय कैंसर होना
- अल्सरेटिव कोलाइटिस से ग्रस्त होना
- कोलोन या मलाशय में पॉलिप्स का होना
- परिवार में कोलोरेक्टल कैंसर का होना और
- वजन ज्यादा होना जैसे कारणों से कोलोरेक्टल कैंसर की सम्भावना काफी बढ़ जाती है।
कोलोरेक्टल कैंसर के लक्षण-
- कब्ज
- दस्त, बार बार शौचालय जाना
- मल में रक्त का आना
- पेट में दर्द रहना
- पेट फूला हुआ महसूस होना
- वजन घटना
- थकान महसूस होना
- उलटी होना
- डॉक्टर द्वारा जांच में पेट या पिछले हिस्से में गाँठ महसूस होना
- आयरन की कमी होना
कोलोरेक्टल कैंसर से बचाव के लिए कुछ प्रयास किये जा सकते हैं, जैसे-
- वजन को संतुलित रखें
- नियमित रूप से व्यायाम करें
- आहार में भरपूर फाइबर, कार्बोहाइड्रेट्स, फल और सब्जियां लें
- 50 साल के होने के बाद इसकी जांच करवाना शुरू कर दें
उम्मीद है जागरूक पर कोलोरेक्टल कैंसर क्या है कि ये जानकारी आपको पसंद आयी होगी और आपके लिए फायदेमंद भी साबित होगी।