आइये जानते हैं घुटनों में दर्द क्यों होता है। अप्राकृतिक खान-पान, तेजी से बदलती जीवनशैली, बहुत अधिक चढ़ना-उतरना, कठिन व्यायाम (कुछ ऐसे व्यायाम जो घुटनों के दर्द में मना किए जाते हैं) आदि ऐसे कई आम कारण होते है जो घुटनों के जोड़ों में स्थित कारटीलेज को क्षय करता है।
यह पीड़ा तब और खतरनाक हो जाती है जब व्यक्ति का वजन जरूरत से ज्यादा हो। ऐसी स्थिति में व्यक्ति सीधा खड़ा नहीं हो पाता और हड्डियाँ आपस में टकराकर टेढ़ी होने लगती है।
वर्तमान में हम बीमारियों के युग में अपना जीवनयापन कर रहे है। इसलिए यह कहना गलत होगा घुटनों में दर्द की यह समस्या वृद्धावस्था में ही होती है। आजकल किसी भी बीमारी की कोई निश्चित उम्र नहीं है।
घुटनों में दर्द की समस्या औरतों और पुरुषों को किसी भी उम्र में हो जाती है। लेकिन हाँ घुटनों में दर्द की यह समस्या बुजुर्गों के लिए बहुत ही कष्टदायक होती है क्योंकि इस उम्र में शारीरिक उर्जा भी खत्म हो जाती है।
इसलिए मनुष्यों को इस दुनिया में सबसे पहले अपने शरीर के प्रति जिम्मेदार होना आवश्यक है। जरूरत से ज्यादा वजन और कम वजन दोनों ही नुकसान देह है। बढ़ती उम्र में वैसे तो यह समस्या आम है लेकिन कुछ सावधानियों से लंबी उम्र तक इस समस्या से बचा जा सकता है।
घुटनों में दर्द क्यों होता है?
इस दर्द की शुरुआत तो धीमी गति से बहुत पहले से ही हो जाती है। लेकिन समय के अभाव में इसकी अनदेखी हो जाती है। जो आगे जाके बहुत ही कष्टदायक रूप लेती है। आईए घुटनों में दर्द के कुछ मुख्य कारणों को जानें और इसकी देखभाल किस तरह से करे की यह समस्या गंभीर रूप ना ले।
घुटनों में दर्द का कारण-
- घुटनों की माँसपेशियो में खून का दौरा सही नहीं होना
- घुटनों की माँसपेशियो में खिंचाव या तनाव होना
- घुटनों में लगी चोट का असर
- खून में युरिक एसिड का लेवल बढना
- घुटनों पर अधिक दबाव से सूजन (बरसाइटिस). यह समस्या अधिक देर तक घुटनों के बल बैठना, घुटनों को अधिक काम में लेना, जोड़ में संक्रमण आदि।
- झटका या मोच का असर, अचानक अथवा अप्राकृतिक ढंग से मुड़ जाने के कारण लिगमेंट में मामूली चोट
- अधिक वजन या मोटापा
- बुढ़ापा
- घिसा हुआ काटिर्लेज घुटने के जोड़ में अंदर और बाहर की तरफ दर्द पैदा कर सकता है।
- घिसा हुआ लिगमेंट घुटने में दर्द और अस्थायित्व पैदा कर सकता है।
- नीकैप का विस्थापन
- चोट की वजह से घुटनों में खून स्ट्राव हो सकता है जिससे दर्द बढ़ जाता है।
- टेन्टीनाइटिस या आथर्राइटिस के कारण से आई सूजन भी दर्द का कारण हो सकती है।
- सिस्ट (घुटनों के पीछे होती है) फट जानें से घुटने के पीछे का दर्द नीचे पिंडली तक पहुंच सकता है।
- टेन्टीनाइटिस! यह धावकों, स्कॉयर और साइकिल चलाने वालों को होता है. चढ़ने-उतरने में घुटनों में सामने की तरफ होता है।
- अत्यधिक शारीरिक श्रम, जो आपने अपनी युवावस्था में की हो. जैसे मजदूरी, अधिक खेल-कूद, जिम में आवश्यकता से अधिक व्यायाम आदि।
घुटनों के दर्द में आहार-
- आर्गेनिक फल व मेवे, जंगली मछली, नारियल की गिरी व तेल, एक्स्ट्रा वर्जिन आयल और ओमेगा-3, अलसी व अंडे
- पालक में एंटीऑक्सीडेंट का भंडार है, जो ओस्टियोआर्थराइटिस और घुटनों के दर्द से राहत देता हैं।
- दालचीनी, साबूत धनिया, अदरक और हल्दी में शक्तिशाली सूजन-रोधी गुण पाए जाते है।
- विटामिन डी और विटामिन सी दर्द को कम करने में सहायक है. विटामिन सी में – संतरे, शिमला मिर्च, ग्रेपफ्रूट, स्ट्रॉबेरी एंड ब्रोकोली आदि. विटामिन डी में – सूर्य का प्रकाश, वसायुक्त मछली, विटामिन डी की शक्ति से समृद्ध दूध, दही, संतरे का रस और दलिया आदि।
- बादाम, सूरजमुखी के बीज व तेल, हेज़लनट्स, मूंगफली और पालक विटामिन ई के मुख्य स्रोत है. विटामिन ई में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट गुण होते है।
- मौसम के अनुसार 3 से 4 लीटर पानी पीने की आदत डाले. कम पानी कई समस्या की जड़ है।
- हरी सब्जी, फल और जूस का सेवन नियमित करे।
घुटनों के दर्द में परहेज व देखभाल-
- अत्यधिक शारीरिक क्रिया से बचे। आराम करे और ऐसे कार्यो से बचे जो दर्द को बढ़ावा देते है जैसे वजन उठाना, अधिक देर तह घुटनों को मोड़ कर बैठना। स्वयं की सही देखभाल करे, परिणाम अच्छे मिलेंगे।
- सूजन को कम करने के लिए घुटनों को यथासंभव ऊपर उठा कर रखे। घुटनों के नीचे एक तकिया रख सकते है। दर्द व सूजन दोनों से राहत मिलेगी।
- बैंडेज या एलास्टिक स्लीव पहनकर घुटने को धीरे-धीरे दबाएँ। यह सभी दवाइयों की दुकानों पर मिलती हैं। यह सूजन को कम कर सकता है और सहारा भी देता है। डॉक्टर की सलाह पर आप इसे रात को पहनकर सो भी सकते है।
- घुटनों के अधिक दर्द में वज्रासन और पद्मासन वर्जित माना जाता है।
- आलू, शिमला मिर्च, लाल बैंगन, हरी मिर्च, मांसाहार, वसा और प्रोटीन कम ले।
- सोडियम यानी नमक कम ले। यह सूजन को बढ़ाता है जिससे घुटनों पर दबाव बढ़ता है और दर्द होने लगता है। अधिक नमक हड्डियाँ कमजोर करती है।
- अधिक देर खड़े ना रहे और अगर खड़ा होना ही पड़े तो मुलायम गद्देदार जगह पर खड़े रहे। दोनों पैरों पर समान वजन देकर खड़े रहे।
- जूते या चप्पल सपाट और सुविधाजनक पहने।
- ठीक होते वक्त घुटनों को ज्यादा हिलने-डुलने से बचाने के लिए ब्रेस पहने।
घुटनों के दर्द में कैसे योग और व्यायाम करे-
योग और व्यायाम जोड़ों की जकड़न को दूर कर गति को आसान करता है। जो दर्द कम करने में सहयोग प्रदान करता है। कुछ ऐसे व्यायाम जो घुटने को राहत और मजबूती प्रदान करते हैं।
व्यायाम से शरीर की बनावट संतुलित होती है। शरीर लचीला और दर्द रहित होता है। व्यायाम से एक नहीं अनेकों लाभ होते है। व्यायाम और योग की आदत शुरू से होनी चाहिए।
- जमीन पर पीठ के बल लेट जाए। एक-एक पैर को बिना घुटनों को मोड़े 90 डिग्री पर उठाने की कोशिश करें। पांच-पांच बार दोनों पैर के साथ ऐसा करे।
- बिस्तर पर या जमीन पर सीधे पैर करके बैठ जाएं। घुटनों की कटोरियां की मांसपेशियों को खींचना और ढीला छोड़ना। ऐसा 100 बार करे।
- पैर लंबे करके आराम से बैठें और टखनों को आगे-पीछे दस बार करना और सीधे-उलटे घुमाना। ऐसा कुछ मिनटों तक दिन में दो बार करे।
- पेट के बल लेटकर मकरासन की स्थिति में एक पैर का घुटना मोड़कर ऊपर हिस्से को गोल 10-10 बार सीधे-उलटे दोनों पैरों के साथ क्रम में घुमाएं।
- पीठ के बल लेट जाएं। अब एक-एक पैर को साइकिल जैसे चलाएं। कुछ देर बाद दोनों पैरों से लेटे-लेटे साइकिलिंग सीधे-उलटे 25-50 बार करें। उसके उपरांत शवासन जरूर करें।
- दर्द अधिक ना होने की स्थिति में गद्दे पर 5 मिनट पद्मासन या वज्रासन करें।
घुटनों में दर्द को कम करने वाले योगासन हैं-
योद्धासन, मकरासन, ताड़ासन, वीरासन, भुजंगासन, त्रिकोनासान, पदहस्तासन, अश्व सन्चालनासन आदि। यह सभी आसान पीठ व कमर दर्द को ठीक करने में भी सहायक है।
इस लेख से आपने जाना होगा किन-किन कारणों से घुटनों में दर्द होता है। समय रहते उचित देखभाल से आप अपने घुटनों में जान डाल सकते हैं।
हमने पूरी कोशिश की है की हम आपको सही कारण और उचित देखभाल की जानकारी दे। इसलिए हमने आपसे सिर्फ ज्ञानवर्धक जानकारी साझा की है। किसी भी उपाय को आजमाने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर ले।
उम्मीद है जागरूक पर घुटनों में दर्द क्यों होता है कि ये जानकारी आपको पसंद आयी होगी और आपके लिए फायदेमंद भी साबित होगी।