आइये जानते हैं पेट स्कैन क्या है। हमारे शरीर की बाहरी चोटों को देखना तो आसान होता है लेकिन शरीर के अंदर होने वाली तकलीफ़ों को हम नहीं देख सकते हैं इसलिए बहुत से ऐसे टेस्ट होते हैं जो शरीर के अंदर की स्थिति का पता लगाते हैं ताकि हम जान सके कि हमारे शरीर के किस भाग में किस तरह की तकलीफ है और उसे तुरंत दूर करने के प्रयास किये जा सकें।
ऐसे ही एक टेस्ट का नाम है PET SCAN, जो हमारे शरीर के आंतरिक ऊतकों की जाँच करने के लिए किया जाता है। ऐसे में इस टेस्ट के बारे में जानना आपके लिए भी फ़ायदेमंद हो सकता है इसलिए आज हम आपको बताते हैं PET SCAN के बारे में।
पेट स्कैन क्या है?
पेट स्कैन एक स्पेशल रेडियोलोजी प्रोसेस होता है जिसका पूरा नाम पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी होता है। इसका इस्तेमाल खासकर न्यूरोलॉजी, ऑन्कोलॉजी और कार्डिओलॉजी के लिए किया जाता है।
इस टेस्ट में मरीज को रेडियोएक्टिव पदार्थ की थोड़ी मात्रा इंजेक्शन के द्वारा दी जाती है और फिर स्कैन में देखा जाता है कि शरीर के किस अंदरूनी भाग ने सबसे ज्यादा रेडियोएक्टिव पदार्थ को अवशोषित किया है। कैंसर सेल्स सामान्य सेल की तुलना में ज्यादा रेडियोएक्टिव पदार्थ का अवशोषण करती हैं जिससे शरीर के अंदर पनप रही बीमारी को पहचानना आसान हो जाता है।
PET SCAN क्यों किया जाता है?
- मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र से जुड़ी बीमारी का पता लगाने के लिए
- ब्रेन कैंसर, गले का कैंसर, लंग कैंसर जैसे कैंसर के प्रकारों का पता लगाने के लिए
- कैंसर की जटिलता का पता लगाने के लिए
- दिल के क्षतिग्रस्त ऊतकों को ढूंढ़ने के लिए
- हृदय में खून का कम बहाव होने का कारण पता करने के लिए
PET SCAN कब करवाना चाहिए?
पेट स्कैन बहुत-सी स्थितियों का पता लगवाने के लिए किया जाता है जिनमें से कुछ प्रमुख स्थितियां ये हैं-
- जब ये जानना हो कि कैंसर का फैलाव शरीर के किस-किस अंग को प्रभावित कर रहा है
- जब मस्तिष्क में ऑक्सीजन के प्रवाह और रक्त के थक्के की उपस्थिति का पता लगाना हो
- जब न्यूरोलॉजी (तंत्रिका तंत्र) से सम्बंधित लक्षण दिखाई दे रहे हों
- जब कैंसर की स्थिति का एनालिसिस करना जरुरी हो
PET SCAN करवाने से पहले ध्यान रखें ये बातें-
- अगर आप डायबिटीज पेशेंट हैं तो इस बारे में डॉक्टर को जरूर बताएं
- किस भी तरह की दवा या सप्लीमेंट लेने की स्थिति में, अपने डॉक्टर को इसकी जानकारी जरूर दें
- किसी प्रकार की एलर्जी होने पर भी डॉक्टर को बताएं
- प्रेगनेंसी से जुड़ी सही जानकारी डॉक्टर को जरूर दें
- टेस्ट से 6 घंटे पहले से कुछ भी खाएं-पियें नहीं
PET SCAN कैसे होता है?
- इस टेस्ट में दौरान मरीज को एक टेबल पर लिटाया जाता है और ये टेबल कंप्यूटर, स्कैनर और कैमरा से जुड़ी रहती है।
- इसके बाद रेडियोएक्टिव केमिकल का इंजेक्शन लगाया जाता है और जब तक वो केमिकल पूरे शरीर में ना पहुँच जाए, तब तक मरीज को हिलने और बोलने से मना किया जाता है।
- ये केमिकल उन आतंरिक अंगों और ऊतकों द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है जिनकी स्टडी की जानी है।
- इसके बाद पेट स्कैनर मरीज के चारों ओर घूमकर तस्वीरें स्कैन करता है।
- स्कैनर से ली गयी तस्वीरें कंप्यूटर स्क्रीन पर डॉक्टर द्वारा देखी जाती हैं।
- टेस्ट हो जाने के बाद मरीज को बहुत सारा पानी पीने और यूरिन पास करने की सलाह दी जाती है।
पेट स्कैन की रिपोर्ट क्या बताती है?
इस स्कैन की रिपोर्ट अगर नॉर्मल आती है तो इसका मतलब है कि मरीज के आंतरिक अंगों और ऊतकों में किसी भी तरह की कोई तकलीफ नहीं है लेकिन अगर रिपोर्ट नॉर्मल ना आएं तो इसका मतलब है कि या तो मरीज के आंतरिक अंग और ऊतक सही तरीके से काम नहीं कर रहे हैं या फिर किसी प्रकार का इन्फेक्शन या कैंसर हो सकता है।
अब आप पेट स्कैन के बारे में जान चुके हैं और ये टेस्ट कैंसर की जाँच में बहुत मददगार साबित होता है क्योंकि इस स्कैन से छोटी सी छोटी बीमार सेल का पता लगाया जा सकता है यानी कैंसर का शुरुआती स्टेज पर पता लगाया जा सकता है और सेल्स की वास्तविक स्थिति को जानकर इलाज का सही तरीका अपनाया जा सकता है।
उम्मीद है जागरूक पर पेट स्कैन क्या है कि ये जानकारी आपको पसंद आयी होगी और आपके लिए फायदेमंद भी साबित होगी।