आइये जानते हैं प्रोविडेंट फण्ड क्या है। प्रोविडेंट फण्ड, पीएफ या भविष्य निधि के बारे में हर नौकरीपेशा व्यक्ति जानकारी रखता है। ये जानकारी कुछ लोगों के पास पूरी होती है तो कुछ के पास सीमित। इस रकम के आधार पर ही हर वर्किंग पर्सन अपने रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी को प्लान कर पाता है।
ऐसे में आपके लिए भी ये जानना बेहतर होगा कि पीएफ क्या है और इससे एक कर्मचारी को क्या फायदे मिलते हैं। तो चलिए, आज जानते हैं प्रोविडेंट फण्ड के बारे में।
प्रोविडेंट फण्ड क्या है?
प्रोविडेंट फण्ड या पीएफ एक प्रकार का रिटायरमेंट फण्ड होता है जो रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों को पूरा करने के लिए होता है। इसे सोशल सिक्योरिटी कवर भी कहते हैं।
पीएफ से जुड़ी कुछ खास बातें-
पीएफ कितना कटना चाहिए – सामान्य तौर पर किसी सरकारी या प्राइवेट फर्म में काम करने वाले कर्मचारी की बेसिक सैलरी प्लस डीए का 12% हिस्सा पीएफ के रूप में काटा जाता है। ये प्रतिशत उन कंपनियों पर लागू होता है जिनमें कुल कर्मचारियों की संख्या 20 से ज्यादा हो।
पीएफ अकाउंट में कितनी राशि जमा होती है – पीएफ एक्ट के तहत कर्मचारी की बेसिक सैलरी प्लस डीए का 12% पीएफ अकाउंट में जाता है। वहीं कर्मचारी की बेसिक सैलरी प्लस डीए का 12% कंपनी भी कॉन्ट्रिब्यूट करती है। कंपनी के 12% में से 3.67% कर्मचारी के पीएफ अकाउंट में और बाकी 8.33% कर्मचारी के पेंशन अकाउंट में जाता है।
आइये, अब जानते हैं पीएफ के फायदे-
पीएफ के लिए किसी को नॉमिनी बना सकते हैं – अपने पीएफ के लिए परिवार के किसी सदस्य को नॉमिनी बनाया जा सकता है, जो EPF अकाउंट होल्डर की मृत्यु की स्थिति में पीएफ में जमा रकम के लिए दावा कर सकता है।
ईपीएफ पर पेंशन भी पा सकते हैं – ये तो आप जान चुके हैं कि पीएफ अकाउंट में जमा होने वाली राशि का कुछ हिस्सा पेंशन अकाउंट में भी ट्रांसफर होता है। ऐसे में कुछ टर्म एंड कंडीशन के तहत एक समय सीमा के बाद आप पेंशन पा सकते हैं। इसके लिए आपकी उम्र कम से कम 58 वर्ष होनी चाहिए और आपका सेवाकाल कम से कम 10 साल का होना चाहिए। अगर 10 साल से पहले आप पीएफ निकाल चुके हैं तो आप पेंशन के हकदार नहीं रहेंगे।
ईपीएफ में जीवन बीमा भी शामिल होता है – अगर आपकी कंपनी द्वारा आपको ग्रुप लाइफ इंश्योरेंस उपलब्ध नहीं करवाया गया है तो आपके लिए ये जानना जरुरी है कि ईपीएफ यानि एम्प्लॉयी प्रोविडेंट फण्ड में आपका छोटा सा जीवन बीमा भी कवर होता है जिसे एम्प्लॉई डिपोजिट लिंक्ड इंश्योरेंस कहते हैं।
6 लाख तक का इंश्योरेंस – आपके अकाउंट पर बाई डिफॉल्ट बीमा मिलता है। EDLI (एंप्लॉई डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस) योजना के तहत आपके पीएफ अकाउंट पर 6 लाख रुपये तक इंश्योरेंस मिलता है। इसका फायदा किसी बीमारी, एक्सीडेंट या मृत्यु की स्थिति में लिया जा सकता है।
इनएक्टिव अकाउंट पर भी ब्याज मिलेगा – ऐसे पीएफ अकाउंट जो 3 साल से ज्यादा समय तक निष्क्रिय रहे हों, उन पर भी ब्याज मिलता है। ऐसे में नौकरी बदलते समय पीएफ अकाउंट भी ट्रांसफर करा लेना चाहिए ताकि नियमित राशि पर ब्याज मिलता रहे लेकिन ऐसा नहीं करने पर, 5 साल से ज्यादा समय अकाउंट इनएक्टिव रहने की स्थिति में विथड्रॉल के समय टैक्स चुकाना पड़ेगा।
60 दिन से ज्यादा समय तक बेरोजगार रहने की स्थिति में पूरा पीएफ निकाला जा सकता है – अगर किसी कारणवश कर्मचारी की नौकरी चली जाती है और 60 दिन से ज्यादा समय तक वह बेरोजगार रहता है तो ऐसे में कर्मचारी द्वारा पीएफ का पूरा पैसा निकालने के लिए आवेदन किया जा सकता है।
ईपीएफ कब निकाला जा सकता है – ईपीएफ को बीच में ही निकालने के लिए किसी मजबूत कारण का होना जरुरी होता है जैसे –
• स्वयं की शादी
• बच्चों की शादी
• बच्चों की शिक्षा
• आपके या परिवार के किसी सदस्य का इलाज
• होम लोन चुकाना
• घर की मरम्मत या घर बनाना
उम्मीद है जागरूक पर प्रोविडेंट फण्ड क्या है कि ये जानकारी आपको पसंद आयी होगी और आपके लिए फायदेमंद भी साबित होगी।