आइये जानते हैं प्रतिचक्रवात क्या है। इसके नाम से ही आपको अंदाज़ा हो गया होगा कि ये प्रतिचक्रवात, चक्रवात से ठीक विपरीत होते हैं। ऐसे में प्रतिचक्रवात के बारे में ज्यादा जानने के लिए, क्यों ना आज इसी बारे में बात की जाये।
तो चलिए, आज जानते हैं कि प्रतिचक्रवात क्या होते हैं और ये चक्रवात से किस तरह अलग होते हैं।
प्रतिचक्रवात क्या है?
प्रतिचक्रवात वृत्ताकार समदाब रेखाओं से घिरा हुआ वायु का ऐसा क्रम होता है जिसके केंद्र में वायुदाब उच्चतम होता है जो बाहर की ओर घटता जाता है। इस कारण हवाएं केंद्र से परिधि की ओर चलती हैं।
प्रतिचक्रवातों की उत्पत्ति अधिकतर उपोष्ण कटिबंधीय उच्च दाब क्षेत्रों में होती है जबकि भूमध्यरेखीय निम्न दाब क्षेत्र में ये नहीं पाए जाते हैं।
आइये, अब जानते हैं प्रतिचक्रवातों की विशेषताएं-
- प्रतिचक्रवात में मौसम साफ रहता है।
- इनका आकार अक्सर गोल होता है लेकिन कई बार U आकार भी होता है।
- इनके केंद्र में वायुदाब अधिकतम होता है।
- केंद्र और परिधि के वायुदाबों का अंतर 10-20 मीटर होता है जो कभी-कभी 35 मीटर भी होता है।
- दाब प्रवणता कम होती है।
- चक्रवातों की तुलना में बहुत विस्तृत आकार होता है।
- इनका व्यास चक्रवातों की तुलना में 75% तक अधिक होता है।
- प्रतिचक्रवात 30-35 किमी. प्रतिघंटे की रफ्तार से चलते हैं।
- इनका मार्ग और दिशा निश्चित नहीं होते हैं।
- प्रतिचक्रवात का तापमान आर्द्रता और मौसम वायुराशि की प्रकृति पर निर्भर करता है। गर्मियों में उष्ण वायुराशि बनने से तापमान ज्यादा रहता है जबकि सर्दियों में ध्रुवीय हवाओं के कारण तापमान कम रहता है।
- उत्तरी गोलार्द्ध में इनकी दिशा घड़ी की सुई के अनुकूल (clockwise) और दक्षिणी गोलार्द्ध में घड़ी की सुई के प्रतिकूल (anti-clockwise) होती है।
- प्रतिचक्रवात में केंद्र में हवाएं ऊपर से नीचे उतरती हैं जिसके कारण मौसम साफ रहता है और बारिश की सम्भावना नहीं रहती है।
- प्रतिचक्रवातों से शीतकाल में बर्फ की आंधियां चलती है जिसे शीत लहर कहते हैं।
- जब शीत प्रतिचक्रवात गर्मी के मौसम में आते हैं तो मौसम सुहावना हो जाता है।
उम्मीद है जागरूक पर प्रतिचक्रवात क्या है कि ये जानकारी आपको पसंद आयी होगी और आपके लिए फायदेमंद भी साबित होगी।