आइये जानते हैं सोरायसिस क्या है। सोरायसिस (छाल रोग) एक त्वचा रोग है जो संक्रामक नहीं है लेकिन आनुवंशिक है। इस रोग मे ज़्यादातर त्वचा पर लाल चकते पड़ जाते है जिसके कारण त्वचा मे जलन और खुजली होती है। इसकी शुरुआत त्वचा मे रूखापन और छोटे छोटे दानो के रूप मे होती है जा बाद मे बड़े चकते का रूप ले लेती है।
बार-बार होने वाले इस रोग में त्वचा कमजोर और जख्मी हो जाती है। ये रोग शरीर के एक हिस्से से शुरू होकर धीरे-धीरे फैलता जाता है। आमतौर पर सोरायसिस कोहनी, घुटनों और कमर जैसी जगहों पर होता है।
सोरायसिस होने का कारण क्या है?
आनुवंशिकी – यह एक आनुवंशिक रोग है जो पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ सकता है यानी अगर माता-पिता में से किसी एक को ये रोग है तो बच्चे में ये रोग होने की सम्भावना 15% रहती है जबकि माता-पिता दोनों में ये रोग होने पर बच्चों में ये रोग होने की सम्भावना 60% हो जाती है।
प्रतिरक्षा तंत्र में गड़बड़ी – हमारा प्रतिरक्षा तंत्र शरीर की सुरक्षा का काम करता है लेकिन जब प्रतिरक्षा तंत्र में कोई गड़बड़ी हो जाती है तो ऐसी नयी कोशिकाओं का तेजी से निर्माण होना शुरू हो जाता है जिससे बनी त्वचा इतनी कमजोर होती है कि पूरी बनने से पहले ही ख़राब हो जाती है और लाल दानों और चकत्तों के रूप में दिखाई देने लगती है।
इन्फेक्शन – वायरल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन भी कई बार इस रोग का कारण बनता है।
असंतुलित आहार और तनाव – पोषण रहित खाना खाने से भी इस रोग का ख़तरा बढ़ जाता है। इसके अलावा तनाव और मानसिक विकार होने, शराब और धूम्रपान जैसी आदतों से भी सोरायसिस बढ़ सकता है।
सोरायसिस के लक्षण-
- त्वचा पर खुजली होना
- सूजन आना
- शुष्क त्वचा
- परतदार धब्बे
- फटी त्वचा
- त्वचा पर छाले होना
सोरायसिस से बचाव कैसे करें-
- पौष्टिक आहार का सेवन करें
- तनावमुक्त जीवनशैली अपनाइये
- त्वचा को शुष्क रखने की बजाये नम बनाये रखिये
- ज़्यादा तेज धूप से त्वचा का बचाव करिये
- हल्की धूप का सेवन जरूर करिए और सोरायसिस जैसे संकेत दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से मिलिए।
उम्मीद है जागरूक पर सोरायसिस क्या है कि ये जानकारी आपको पसंद आयी होगी और आपके लिए फायदेमंद भी साबित होगी।