आइये जानते हैं रुधिर विज्ञान (Hematology) क्या है। अक्सर हमें सुनने को मिलता है की हेमाटोलॉजी का टेस्ट करवाना है या फिर ब्लड से सम्बंधित कोई टेस्ट करवाना है पर हम इस नाम पर इतना ध्यान नहीं देते और डॉक्टर द्वारा लिखा गया टेस्ट करा लेते है।
तो आइये आज जागरूक पर जानते है रुधिर विज्ञान (Hematology) के बारे में।
रुधिर विज्ञान (Hematology) क्या है?
रुधिर विज्ञान विभाग की स्थापना 1989 में की गई थी। इसके तहत रुधिर (Blood) में रहने वाले तत्त्वों और उनमें उत्पन्न होने वाले कीटाणुओं व विकारों से संबंधित इलाज व कार्य किये जाते है।
रक्त और रक्त वाहिकाओं का अध्ययन करना हेमेटोलॉजी कहलाता है। जो चिकित्सक या वैज्ञानिक सामान्य रूप से रक्त का अध्ययन करते हैं उन्हें हेमेटोलॉजिस्ट कहते है। ये हेमेटोलॉजिस्ट रक्त स्वास्थ्य और रक्त विकारों पर अध्ययन करते हैं।
हमारे शरीर में पाया जाने वाला रक्त, सफेद रक्त कोशिकाओं (WBC), लाल रक्त कोशिकाओं (RBC) और प्लेटलेट से बना हुआ होता है। हमारे शरीर के अन्य हिस्सों तक रक्त पहुंचाने का कार्य रक्त वाहिकाओं, लिम्फ नोड्स, बोन मैरो और प्लीहा द्वारा किया जाता हैं।
हेमेटोलॉजी विभाग क्लिनिकल और प्रयोगशाला संकाय सदस्यों के लिए एक ही स्थान पर कार्य करने वाला एक ऐसा अनोखा विभाग है जहां पर बेहतर समन्वय, रेजीडेंट प्रशिक्षण और अनेक प्रकार की अनुसंधान गतिविधियों को पूर्ण किया जाता है। यह एक मात्र ऐसा विभाग है जहां पर ओपीडी, देखभाल केन्द्र और आंतरिक रोगियों को क्लिनिकल सुविधाएं प्रदान की जाती है।
हेमेटोलॉजी के अंतर्गत होने वाले इलाज
- आयरन की कमी, आघात से संबंधित समस्याओं, सिकल सेल इत्यादि के कारण होने वाले रोगों का इलाज किया जाता है।
- माइलोफिब्रोसिस का इलाज किया जाता है।
- आरबीसी से सम्बंधित समस्या उत्पन्न होने पर
- अस्थि मज्जा और स्टेम सेल परिवहन से सम्बंधित समस्या के दौरान
- प्लेटलेट से संबंधित विकार जैसे- वॉन विलेब्रैंड रोग, इडियोपैथिक थ्रोम्बोसाइटोपेनिक चित्तिता (Idiopathic Thrombocytopenic), हीमोफीलिया इत्यादि के इलाज के लिए
- हेमोग्लोबिन पैथी की स्थिति जैसे कि सिकल सेल रोग और थैलेसीमिया में इलाज किया जाता है।
- माइलोडिस्प्लास्टिक सिंड्रोम (Myelodysplastic Syndromes) से संबंधित समस्या में।
हेमेटोलॉजी में किये जाने वाले कुछ परीक्षण
- हेमेटोलॉजी के जरिये हमारे शरीर में मौजूद रक्त की गणना की जा सकती है।
- हेमेटोलॉजी के जरिये रक्त का परीक्षण किया जाता है।
- सीरम फेरिटिन, फोलेट स्तर और विटामिन B12 जैसे टेस्ट किये जाते है।
- एंटी ग्लोबुलिन या कूंब्स (Coombs Test) जैसे कुछ परीक्षण किये जा सकते है।
- हेमेटोलॉजी टेस्ट के जरिये हेमोफैगोसाइटिक का आकंलन करना तथा सिंड्रोम के लिए प्रयोग किया जाता है।
तो ये थी रुधिर विज्ञान से जुडी कुछ रोचक जानकारी, हमें उम्मीद है आपको जागरूक पर हमारे द्वारा दी गयी जानकारी पसंद आयी होगी।