आइये जानते हैं सारकोमा क्या है। कैंसर के बहुत से प्रकारों के बारे में आप जानते होंगे लेकिन सारकोमा का नाम शायद ही आपने सुना हो। सारकोमा भी कैंसर का एक प्रकार है और ये एक दुर्लभ कैंसर है। ये कैंसर शरीर की बोन्स और सॉफ्ट टिश्यूज में होता है इसलिए इसे सॉफ्ट टिश्यू सार्कोमा भी कहा जाता है।
ये कैंसर ऐसे टिश्यूज में होता है जो हमारे बॉडी के स्ट्रक्चर को कनेक्ट और सपोर्ट करते हैं यानी मसल, नर्व, फैट, ब्लड वेसल्स, टेंडन्स और जॉइंट लाइनिंग्स। सार्कोमा के 70 से भी ज्यादा प्रकार होते हैं। ऐसे में आपको भी इस कैंसर के बारे में जरुरी जानकारी लेनी चाहिए इसलिए आज आपको बताते हैं सॉफ्ट टिश्यू सार्कोमा कैंसर के बारे में।
सारकोमा क्या है?
सार्कोमा सबसे पहले हड्डी और मांसपेशियों के टिशू में होता है और ये कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है और किसी भी उम्र के व्यक्ति को, कभी भी हो सकता है।
इसके कुछ प्रकार बच्चों को प्रभावित करते हैं तो बहुत से प्रकार युवाओं को अपनी चपेट में लेते हैं। इस बीमारी का पता लगाना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि ये कई तरीके से बढ़ता है।
सार्कोमा के कारण क्या होते हैं?
- ये अभी तक स्पष्ट रूप से ज्ञात नहीं है कि सार्कोमा होने के प्रमुख कारण क्या होते हैं। ये स्पष्ट है कि कोशिका के अंदर डीएनए में उत्परिवर्तन होने से कोशिका तेजी से विकसित और विभाजित होने लगती है और ट्यूमर का रुप ले लेती है।
- इसके अलावा अगर न्यूरोफिब्रोमटोसिस टाइप-1 जैसे कुछ सिंड्रोम फैमिली से बच्चों में ट्रांसफर होते हैं तो सार्कोमा होने का ख़तरा बढ़ जाता है।
- अगर कैंसर के इलाज के लिए रेडिएशन थेरेपी ली गयी हो तो आगे चलकर सार्कोमा कैंसर होने का ख़तरा रहता है।
- इंडस्ट्रियल केमिकल्स के ज्यादा संपर्क में रहने से भी सार्कोमा होने की सम्भावना बढ़ जाती है।
सार्कोमा के लक्षण क्या-क्या हो सकते है?
सॉफ्ट टिशू सार्कोमा के शुरुआत में कोई लक्षण पता नहीं चल पाते हैं और कुछ समय बाद जो लक्षण दिखाई देते हैं, वो हैं-
- शरीर में सूजन या गांठ होना
- पेट में दर्द होना, जो हर दिन बढ़ रहा हो
- मल या उलटी में खून आना
- मल का रंग काला आना या उसमें खून आना
- गांठ का आकार बढ़ना और उसमें दर्द होना
- गाँठ हटाने के बाद दोबारा निकल आना
सॉफ्ट टिशू सार्कोमा से बचाव कैसे किया जा सकता है?
सॉफ्ट टिशू सार्कोमा से बचाव को कोई तरीका नहीं है। इसके भयंकर परिणाम से बचने के लिए इतना ही किया जा सकता है कि शरीर में किसी तरीके के लक्षण दिखाई देने पर, बिना देर किये डॉक्टर से संपर्क किया जाये ताकि डॉक्टर द्वारा सार्कोमा के प्रकार को जाना जा सके और इमेजिंग टेस्ट, बायोप्सी, रेडिएशन और कीमोथेरेपी जैसे उपचार के तरीकों से समय रहते सफल इलाज किया जा सके।
अब आप जान चुके हैं कि सार्कोमा क्या होता है और इसके क्या लक्षण दिखाई दे सकते हैं। ऐसे में अपनी सेहत के प्रति सजग और जागरूक बने रहिये और जरुरत पड़ने पर डॉक्टर से परामर्श करने में बिलकुल भी मत झिझकिये।
जागरूक टीम को उम्मीद है कि ये जानकारी आपको पसंद आयी होगी और अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बने रहने में सहयोग भी करेगी।